•भिलाई मे हुए हाई प्रोफाइल
फूड प्वाइजनिंग मामले में पुलिस पर उठ रहे गंभीर सवाल?
•FIR होने के 21 दिन बीत जाने के बाद भी संचालक शशांक रस्तोगी व हॉस्टल इंचार्ज मानिक लाल सहित अन्य की क्यों नहीं हो पा रही गिरफ्तारी,क्यों इन आरोपियों पर हाथ डालने से पुलिस कतरा रही है?किसका दबाव है जो पुलिस को इनकी गिरफ्तारी करने से रोक रहा है?
विस्तार
गोविंदा चौहान
भिलाई: रसूखदारों के आगे पुलिस किस कदर बेबस हो जाती है। इसका एक उदारहण भिलाई मे हुए हाई प्रोफाइल फूड प्वाइजन मामले में देखने को मिला है। बता दे की कुछ ही दिनों पूर्व भिलाई मॉडल टाउन मे स्तिथ रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज मे अध्ययनरत 60 लड़कियां फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गई थी। जिसमे बालोद निवासी कामनी चुरेंद्र उम्र 19 वर्ष की जेवरतला मे उपचार के दौरान 31 अगस्त को फूड प्वाइजनिंग से मौत हो गई थी। मृतक छात्रा रस्तोगी कॉलेज मे स्किल डेव्लपमेंट का कोर्स कर रही थी जिसका हॉस्टल मे ज्यादा स्वास्थ ख़राब होने पर परिजनों द्वारा उसके गृह ग्राम जेवरतला लें जाया गया जहा उसकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई मामले मे सीएमओ की जांच रिपोर्ट और मृतक छात्रा के पिता बसंत कुमार चुरेंद्र की लिखित शिकायत पर आनन फानन मे सुपेला पुलिस द्वारा 2 अगस्त को रस्तोगी कॉलेज के संचालक शशांक रस्तोगी व हॉस्टल इंचार्ज मानिक लाल सहित अन्य पर धारा 269.270.337.304ए 34 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया। लेकिन FIR होने के 21 दिन बाद भी पुलिस रस्तोगी कॉलेज के रसुख के आगे बेबस नजर आती है। इतने दिन बीत जाने के बाद भी रस्तोगी कॉलेज मे हुए फूड प्वाइजनिंग से मौत पर पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सका पीड़ित छात्रा के परिजन अभीतक न्याय की आस लगाए बैठे है। वही रस्तोगी कॉलेज के सभी आरोपी पुलिस को ठेंगा दिखाकर अपनी रसूख से अभीतक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वही भिलाई नगर निगम भी रस्तोगी कॉलेज पर किसी भी तरह की पाबंदी लगाने मे नाकाम साबित हो रहा है।