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भिलाई: पुलिस महकमे में जय और वूरू के कारनामों की चर्चा जोरों पर है. दोनों की जोड़ी कटिंग में इतनी एक्सपर्ट हो चुकी है कि अब इसकी भनक थानेदार साहिबा तक को नहीं लग रही है. लेकिन कहते हैं ना. कोई कितना भी होशियार क्यों न हो? कभी न कभी गलती कर बैठता है. ऐसे ही एक गलती जय-वूरू की जोड़ कर बैठी. जिसकी चर्चा जोरो पर है! चलिए उनके कारनामों पर चर्चा से पहले दोनों का परिचय जान लीजिए. शुरुआत जय से करते हैं. कहने को तो जय एक अदना सा सिपाही है. लेकिन भाई के राजनीतिक में कदम रखते ही खुद को कप्तान अघोषित कप्तान समझने लगा है. समझे भी क्यों न, नायक के स्पेशल 26 में जो शामिल है. इस वजह से उसके सुर सातवें आसमान पर हैं! वही दूसरा वीरू जिसे कटिंगबाजी की हुनर और ट्रेनिंग घर में ही मिल गई थी. इसके परिजन जो कभी महकमे में थे. अब थाने में लंबा टाइम बिताकर मठाधिश्वर बन चुका है, इसका कटिंगबाजी को अपना अधिकार समझना तो बनता है. दोनों की कुंडली के 36 के 36 गुण मिलने से थाने में जय और वीरू की जोड़ी का अवतरण हुआ। दोनों ने थाना क्षेत्र में अपना आभा मंडल इतना फैला रखा है कि जुआरी, सटोरी, गंजेड़ी या कोई और, सभी चढ़ाव थाने से पहले इन्हीं जय और वीरू को पहले अपना चढ़वा चढ़ाते हैं. शहर में अब उनकी चर्चा इसलिए हो रही है कि दोनों के हात्थे महादेव ऑनलाइन सट्टे के दो होनहार चढ़ गए. दोनों थाने तक नहीं पहुंचे तो इसका मतलब साफ था कि मौके पर कंटिग हो चुकी होगी. जब इसकी भनक इनके सगे संगवारियों को लगी तो उन्हें लगा कि जय और वीरू ने बड़ा हाथ मार लिया होगा. इस बीच एक संगवारी के मुखबिर से दोनों महादेव भक्त टकार गए. इस पर मुखबिर के सामने उन्होंने अपना दुखड़ा रो दिया. तब जाकर कहानी खुली कि दोनों मात्र 50 हजार में मामले को रफादफा कर आए. ऐसे में अब उनके ही सगे संगवारी ही कहते फिर रहे हैं कि मशहूर कटिंगबाज जय और वीरू की जोड़ी को महादेव के दर्शन हुए फिर भी चिल्लर बटोर कर लाये! “और कहते है ना की इश्क और मुस्क छुपाये नहीं छुपता” जय और बीरु द्वारा महादेव के भक्तों के साथ इश्क और मुस्क की पुरे थाना क्षेत्र में चर्चा है!