
रायपुर । छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ आईपीएस अफसर जीपी सिंह की सेवा में वापसी का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने कैट के फैसले को सही ठहराते हुए सिंह की बहाली के आदेश को बरकरार रखा है। आईपीएस (एडीजी) जीपी सिंह फिर से वर्दी में नजर आएंगे।
कैट ने पहले ही उनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति के फैसले को गलत ठहराते हुए बहाल करने का आदेश दिया था। कैट के इस फैसले पर हाईकोर्ट की भी मुहर लग गई है। सिंह की बहाली के मामले की दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और गिरीश कठपालिया की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने 30 अप्रैल 2024 को कैट की तरफ से जारी आदेश को सही ठहराया है।
जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ सरकार की अनुशंसा पर भारत सरकार ने फोर्सली रिटायर कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ जीपी सिंह कैट की शरण ली। अप्रैल में दिए आदेश में कैट ने जीपी सिंह को चार हफ्ते के भीतर फिर से सर्विस ज्वाईन कराने का आदेश दिया, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं हो पाई तो जीपी सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जीपी सिंह पर छापेमारी की कार्यवाही की गई थी, जिसके बाद उन्हें 5 जुलाई 2021 को निलंबित कर दिया गया। 8 जुलाई को एसीबी ने उनके खिलाफ राजद्रोह का अपराध दर्ज किया। जिसके खिलाफ जीपी सिंह ने अगले ही दिन 9 जुलाई 2021 को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इसे पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस बताया। वहीं, आय से अधिक संपति और राजद्रोह के मामले में ईओडब्लू ने उन्हें गुड़गांव से गिरफ्तार किया था। वे लंबे समय तक जेल में रहे। फिर सरकार की सिफारिश पर एमएचए ने उन्हें फोर्सली रिटायर कर दिया था।