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डेस्क बोर्ड l कोरबा की चर्चित हत्याकांड में एक नया मोड़ आया है। बिलासपुर हाई कोर्ट ने सलमा सुल्ताना के हत्या के आरोपी मधुर साहू को जमानत दे दी है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद प्रस्तुत साक्ष्य आरोपी के खिलाफ पर्याप्त नहीं होने पर अपना फैसला सुनाया है।

मधुर साहू के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्किल को अपराध में झूठा फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि कोरबा पुलिस ने आरोप पत्र के साथ डीएनए टेस्ट रिपोर्ट भी दाखिल की, जिसमें 13 में से केवल 1 एसटीआर ही मेल खा रहा है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के अनुसार मिलान डीएनए परीक्षण में मिलान के लिए 13 एसटीआर होने चाहिए नमूने और मामले के उक्त तथ्यों में ऐसा नहीं कहा जा सकता जो कंकाल बरामद हुआ है वह तथाकथित मृतिका सलमा का ही है।
कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं है और आरोपी की जमानत के खिलाफ कोर्ट में अपील कर सकता है। बता दें कि कोरबा में छह साल पहले स्थानीय न्यूज चैनल की एंकर सलमा सुल्ताना लापता हो गई थी। करीब गुमशुदगी के पांच साल बाद 2023 में सलमा के परिजनों ने पुलिस से बेटी की तलाशी की गुहार लगाई थी। जिसके बाद फिर से गुमशुदगी का मामला जोर पकड़ा और तत्कालीन कोरबा नगर पुलिस अधीक्षक रॉबिंसन गुडिया ने सलमा की तलाश के लिए अभियान चलाया। आईपीएस रॉबिंसन गुडिया की मेहनत रंग लाई और मामले में मिले साक्ष्य और सबूतों के आधार पर सलमा सुल्ताना का कंकाल कोरबा दर्री मार्ग पर जेसीसी से खुदाई कर बरामद किया गया था। साथ ही जांच पड़ताल के बाद सलमा के बॉयफ्रेंड और जिम संचालक मधुर कुमार साहू के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था।