दुर्ग: लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों की साठगाठ से रोड निर्माण में हो रहा जमकर भ्रष्टाचार

दुर्ग: लोक निर्माण विभाग अधिकारियों और ठेकेदारों के लिए धन कमाने का सबसे आसान रास्ता बना हुआ है। सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बावजूद सड़कों की हालत देखकर आज तक ना ही सरकार और ना ही संबंधित विभागों ने ठोस कदम उठाया है।बात करें राज्य सरकार के नोडल अधिकारी की तो हर 3 महीने में निर्माणाधीन सड़कों की मॉनिटरिंग करने वाले गुणवत्ता निरीक्षक ही सड़कों की भौतिक सत्यापन कर घटिया निर्माण और गड़बड़ियों को लेकर अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा करते है। परिणाम राज्य में योजना के तहत बनाई गई हजारों किलोमीटर सड़के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। सारे नियम कायदे को एक तरफ रख कर गुणवत्ता हीन सड़कों का निर्माण किया गया है। सड़क निर्माण में ना तो ग्रेडिंग किया गया है।और ना लेबल मिलाया गया है जिससे नवनिर्मित सड़कें कुछ ही दिनों में खराब होकर धसने लगी है। सड़क निर्माण में अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों ने भारी लापरवाही की है। दुर्ग जिले में जिस तरह की सड़कों का निर्माण हुआ विभाग ने बजट जारी कर टेंडर की प्रक्रिया के बाद से ही अपनी आंखें मूंद ली है। तो वहीं मैदानी स्तर पर तैनात अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलकर राशि की जमकर लूट-खसोट की है।

दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक में जिस अधिकारी ने पिछले 25 सालों से अपने पांव जमा रखा हैं।उसने सिर्फ अपने अधिकार क्षेत्र में अर्पित जिले के दूसरे क्षेत्र में भी अपना दबदबा बना रखा है। उसके संरक्षण में अधिकारीयों व ठेकेदार द्वारा भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा हैं। राज्य सरकार से बेखौफ अधिकारीयों का जादू उच्च अधिकारियों पर भी ऐसा चलता है कि विभाग में उसने अपना सिक्का जमा लिया है। सूचना के अधिकार के तहत ना संबंधित कार्यालय और ना ही मुख्यालय से ही कोई सही जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।

निर्माण पूरा होने के पहले ही दम तोड़ रही सड़कें

लोक निर्माण विभाग दुर्ग सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार व अधिकारियों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार कर स्तरहीन निर्माण सामग्री का उपयोग कर सड़क निर्माण कराया जा रहा है। जिले में हर जगह सड़कें बनाई गई एवं 5 सालों के मेंटेनेंस सहित संविदा की पूर्ति भी की गई है किंतु भ्रष्टाचार के कारण सड़के केवल नाम मात्रा के लिए ही निर्मित की गई जिसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण से कुछ महीने में ही सड़को पर दरारे आ रही है। और जगह-जगह धसने भी लगी है अधिकारियों ने अपने तिजोरी भरने का माध्यम बनाकर ठेकेदारों को घटिया निर्माण करने का लाइसेंस दे दिया जो सड़के वर्तमान में बन रही है उसकी गुणवत्ता निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर जाचा जा सकता है। वहीं कुछ साल पहले बनी सड़कों की दुर्दसा घटिया निर्माण की कहानी खुद ही बयां कर रही है। 5 साल तक सड़कों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी ठेकेदार पूरा नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदारों ने जमकर कमाई की है। लोक निर्माण विभाग भ्रष्टाचार की शिकायतों को संज्ञान में लेने की जगह ठेकेदारों और कमीशन खोर अधिकारियों को बचाने का कार्य कर रहा है सड़क घोटाला को छुपाने के लिए राज्य सरकार मरम्मत के लिए भी टेंडर जारी कर उन्हें कमाई का मौका देती है। जिससे करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

एक भी ठेकेदार पर कार्यवाही नहीं

लोक निर्माण विभाग दुर्ग सड़क निर्माण में लगी एजेंसियों और ठेकेदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों की शिकायत पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
पीडब्ल्यूडी द्वारा जिले में हजारों किलोमीटर सड़कें बनाई जा रही है। जिसमें सैकड़ों की तादात मे कई श्रेणी के ठेकेदार लगे हुए हैं। अब तक बनी लगभग 70 फ़ीसदी से ज्यादा सड़कों के घटिया निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने आवाज बुलंद की है। कई निर्माणाधीन सड़कों में गुणवत्ता हीन और घटिया मटेरियल के साथ सड़कों के निर्माण को लेकर मीडिया में ख़बर आती रहती है। ग्रामीण इसे लेकर प्रदर्शन और अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा रहे हैं। लेकिन किसी भी शिकायत पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।आज तक किसी भी ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट तक नहीं किया गया है। मैदानी स्तर पर जमे अधिकारी उच्चअधिकारियों से सेटिंग कर ठेकेदारों को मोटे कमीशन लेकर शिकायतों पर पर्दा डाल रहे हैं।

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