“ऑपरेशन सिंदूर”: आतंक के गढ़ पर भारतीय सेवा का सर्जिकल प्रहार


दिल्ली। भारतीय थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने रविवार को एक महत्वपूर्ण प्रेस ब्रीफिंग में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद का समूल नाश करना था, जिसमें भारतीय सेना ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। इस ऑपरेशन के तहत 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया और उनके कई ठिकानों को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया गया।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि इस सैन्य कार्रवाई में तीन कुख्यात आतंकवादी — युसुफ अजहर, अब्दुल मलिक राऊफ और मुदस्सिर अहमद — को भी ढेर कर दिया गया, जो लंबे समय से भारत के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त थे। ये आतंकी आईसी-814 विमान अपहरण और पुलवामा हमले जैसी घटनाओं में शामिल रहे थे, और इनकी तलाश सुरक्षा एजेंसियों को लंबे समय से थी।

उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन की योजना उस आतंकवादी हमले के बाद बनाई गई, जिसमें पहलगाम में निर्दोष भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया गया था। इस ऑपरेशन का उद्देश्य न केवल सक्रिय आतंकियों को समाप्त करना था, बल्कि उनके गुप्त ठिकानों को भी पूरी तरह नष्ट करना था।

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित नौ सक्रिय आतंकवादी ठिकानों की पहचान की। इनमें मुरीदके जैसे क्षेत्र भी शामिल थे, जो पहले अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों से जुड़े रहे हैं। डीजीएमओ ने ऑपरेशन से पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें भी प्रस्तुत कीं, जो इस सैन्य कार्रवाई की प्रभावशीलता का प्रमाण हैं।

उन्होंने पाकिस्तान पर नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी गोलाबारी में गुरुद्वारों जैसे नागरिक स्थलों को भी निशाना बनाया गया, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है।

“ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकवादियों के हौसले पस्त किए, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।”


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