
दुर्ग – वैशाली नगर पुलिस ने सरकारी और निजी जमीन पर कब्जा कर फर्जी दस्तावेजों के जरिए रजिस्ट्री करने वाले आरोपी संतोष नाथ उर्फ जलंधर को गिरफ्तार कर लिया है। संतोष नाथ वर्तमान में भिलाई नगर वार्ड नंबर 34 का पार्षद है और पहले भी जमीन फर्जीवाड़े के एक मामले में आरोपी रह चुका है।
कैसे हुआ खुलासा?
प्रार्थी देवनाथ गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी कार्तिक नंद शर्मा, पुरुषोत्तम उर्फ अरविंद भाई, राजेंद्र सोनी और हरिश राठौर ने मिलकर कोहका वार्ड नंबर 14 बाबादीप सिंह नगर स्थित खसरा नंबर 5407/4 और 5407/3 की जमीन (1000 और 2500 वर्गफीट) के फर्जी दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी की। इस शिकायत पर वैशाली नगर थाने में अपराध क्रमांक 49/2025 के तहत धारा 420, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया।
जमीन फर्जीवाड़े की पूरी साजिश
जांच में पता चला कि आरोपी संतोष नाथ उर्फ जलंधर ने ब्रिज बिहारी और एन. धनराजु के साथ मिलकर सरकारी जमीन को उद्योग विभाग की और अन्य जमीन को अरविंद भाई की बताकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इसके बाद, पुरुषोत्तम डोंगरे को फर्जी अरविंद भाई बनाकर रजिस्ट्री कार्यालय में खड़ा किया गया और हरिश राठौर के नाम से पावर ऑफ अटॉर्नी के कागजात बनाए गए।
आरोपियों ने इस फर्जीवाड़े को सही साबित करने के लिए पुरुषोत्तम डोंगरे का फोटो लगाकर किसी अन्य व्यक्ति के ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग किया और फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस तैयार किया। इस सरकारी और निजी जमीन की रजिस्ट्री बिना किसी वास्तविक लेनदेन के संतोष नाथ उर्फ जलंधर, एन. धनराजु, उसकी पत्नी रिंकी सिंह और ममता नाम की महिला के नाम पर कराई गई। रजिस्ट्री में चेक और अन्य माध्यमों से भुगतान दिखाया गया, लेकिन हकीकत में कोई लेनदेन नहीं हुआ।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई
जांच में दोषी पाए जाने पर पुलिस ने आरोपी संतोष नाथ उर्फ जलंधर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपी पहले भी वैशाली नगर थाने के अपराध क्रमांक 61/2023 (धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी) में जमीन फर्जीवाड़े के मामले में आरोपी था।
10 मार्च 2025 को आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया। इस पूरी कार्रवाई में वैशाली नगर पुलिस की अहम भूमिका रही।