
रायपुर । पूर्व मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका खारिज हो गई है, जिसके बाद अब ईओडब्ल्यू उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। मंगलवार को कवासी लखमा की कोर्ट में पेशी होनी थी, लेकिन बल की कमी के कारण वे कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई गई। कोर्ट ने उन्हें 18 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है ¹।शराब कारोबारी अरविंद सिंह ने ईडी को बताया था कि कवासी लखमा को हर महीने शराब कार्डन से 50 लाख रुपये मिलते थे। आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी ने भी बताया था कि 50 लाख के साथ ही डेढ़ करोड़ रुपये शराब कार्डन से और दिए जाते थे। इस हिसाब से पूर्व मंत्री को हर महीने दो करोड़ रुपये मिलते थे। यह घोटाला 36 महीने तक चला, जिसका कुल मूल्य 72 करोड़ रुपये है।