
नई दिल्ली । मोदी सरकार ने देश की शीर्ष नौकरशाही में 45 पदों पर लेटरल एंट्री से भर्ती वाले विज्ञापन को रद्द कर दिया है। यह फैसला विपक्ष की ओर से इस भर्ती पर सवाल उठाए जाने और इसे आरक्षण खत्म करने की कोशिश बताए जाने के बाद लिया गया है।
कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी की चेयरमैन प्रीति सुदन को पत्र लिखकर यह भर्ती रद्द करने को कहा है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का दृढ़ निश्चय है कि संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के तहत ही लेटरल एंट्री वाली भर्ती भी होनी चाहिए। खासतौर पर देश में आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का मानना है कि सार्वजनिक नौकरियों में सामाजिक न्याय सरकार के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता होनी चाहिए। इस आरक्षण का उद्देश्य इतिहास में हुए अन्याय का उन्मूलन और समाज में समावेश और समरसता को बढ़ावा देना है।