
सहारनपुर ।
सहारनपुर में सराफा कारोबारी सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी मोना ने गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। सौरभ पर 10 करोड़ रुपये का कर्ज था और उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वे कर्ज के दलदल में फंस गए हैं और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है।
सौरभ और मोना ने अपने दो बच्चों को शहर में रहने वाले नाना-नानी के पास छोड़ दिया और हरिद्वार चले गए। वहां उन्होंने गंगनहर पुल पर सेल्फी ली और सुसाइड नोट वॉट्सऐप ग्रुपों पर शेयर किया। इसके बाद उन्होंने नदी में कूदकर जान दे दी।
सौरभ के परिजनों ने उनके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी और सहारनपुर पुलिस के इनपुट में हरिद्वार पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया तो सौरभ और मोना की लाश मिली।
सौरभ की घर में ही श्री साईं ज्वेलर्स नाम से दुकान है। सौरभ की शादी 15 साल पहले मोना बब्बर से हुई थी। उनकी दो संतान हैं। 12 साल की बेटी श्रद्धा और 10 साल का बेटा संयम है। बेटा दिव्यांग है।
5 साल पहले उनका छोटे भाई से बंटवारा हो गया। बंटवारे के बाद सौरभ अपने माता-पिता से अलग रह रहे थे। छोटा भाई मां-बाप के साथ गोविंदनगर में रहता है।
सौरभ सोने-चांदी के गहने बनाने के अलावा कमेटी का भी काम करते थे। कमेटी में लोग अपना पैसा जमा करते थे। जिसे वह ब्याज के साथ लौटाते थे। बताया जा रहा है कि सौरभ का व्यापार ठप था। वह करीब 10 करोड़ रुपये के कर्ज में थे। लोग अपना पैसा वापस मांग रहे थे।
सौरभ ने यह बात अपनी पत्नी मोना को भी बताई थी। शनिवार की रात सौरभ ने अपने दोनों बच्चों को शहर में रहने वाले नाना-नानी के पास छोड़ा। उन्हें बताया कि कुछ जरूरी काम है, थोड़ी देर में आकर बच्चों को साथ ले जाऊंगा।
इसके बाद सौरभ पत्नी मोना के साथ हरिद्वार चले गए। वहां गंगनहर पुल पर सेल्फी ली और पहले से लिखे सुसाइड नोट को वॉट्सऐप ग्रुपों पर शेयर कर दिया। फिर, नदी में कूदकर जान दे दी।

सुसाइड नोट में सौरभ ने लिखा, ‘मैं सौरभ बब्बर कर्ज के दलदल में इस कदर फंस गया हूं कि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा। अंत में मैं और मेरी धर्म पत्नी मोना बब्बर अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। प्रॉपर्टी, दुकान और हमारा किशनपुरा वाला मकान मेरे दोनों बच्चों के लिए है। हमारे दोनों बच्चे अपने नाना-नानी के साथ रहेंगे।
पुलिस ने सौरभ और मोना की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।