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दुर्ग ग्रामीण l इन दिनों शहर से ज्यादा ग्रामीण थानों में बैठे थानेदार मौज मार रहे हैं। अंचल क्षेत्र के बड़े थाने में गुरुवार को मामुओं के हाथ बड़ी फड़ पकड़ में आ गई है। फिर क्या था. जैसे मीठे को देखकर मक्खी भिन-भिनाना शुरू कर करती है. वैसे 50 से 60 की संख्या में गुल का मजा ले रहे जुआरियों को मामुओं की फौज ने घेर लिया। फड़ चलाने वाला शहर का नामी गिरामी था सो अपनों के नाम को कैसे आगे आने देता. मौके पर 15 पेटी में माडवाली करके दहाई की भीड़ इकाई में बदल दिया. इसके बाद श्रेय लेने के लिए खुद थानेदार साहब ने कागजी कार्रवाई में अपना नाम चढ़ा लिया. एक जुआरी को पकड़ कर वाहवाही लूटने में लग गए। कहते हैं इश्क-मुश्क छुपाए नहीं छुपता…ऐसे में इस खबर को भी शहर तक पहुंचने में देर न लगी, लेकिन दांत पीसकर अपनी टीस निकलाने के अलावा उनके पास भी कोई विकल्प भी नहीं था.. क्योंकि बड़े अफसरों ने आंखें जो मूंद रखी थीं. इधर, इससे पहले तक उतई थाना क्षेत्र में नाम जुए मे खूब नाम कमाने वाला जुआरी तो इस बात से भौचक्का है कि रोजनदारी देने के बाद भी उसके अड्डे तक मामूओ की फौज पहुंची तो कैसे पहुंची. अब वो भी दूसरे मामाओं से कहता फिर रहा है कि बेइमानी के काम में कुछ ईमानदारी बरत लेते।
