विस्तार गोविंद चौहान I भिलाई। सेक्टर 10 में होम्योपैथिक से बड़ी-बड़ी बीमारियों का उपचार करने वाले डॉ राजर्षि मिश्रा को अब तक वातरोग के सैकड़ों की संख्या में मरीजों को ठीक करने में महारथ हासिल है। 30 वर्षीय डॉ राजर्षि मिश्रा बीएचएमएस रायपुर, सीएचपी कोलकत्ता, पीजीएनएएचआई नागपुर से पूर्ण करने के बाद सेवा भाव से अपनी क्लीनिक चलाते है। रोजनामचा के बातचीत में ड़ॉ मिश्रा ने अपने बारे में बताया कि परिवार में सभी मेड़िकल क्षेत्र से तालुक रखते हुए इस कारण शुरु से ही सेवा करने की ललक थी। इस कारण डॉ. बनकर अपनी सेवा तीन वर्षो से लगातार दे रहां हूं। उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक पद्धति से रेम्हम्यूमेटाईड(अर्थाराईटिस), सर्वाइकल स्पोडोलाईटीस, गाठिया रोग, अस्टियो अर्थराईटिस,स्लीप डिस्क,हाईपो थायोंराइड,एनजाइटी,स्त्री रोग से जुड़ी सारी बीमारी, माईग्रेन,अनिंद्रा, पाइल्स, डिप्रेशन, स्कीन समस्या, एलर्जी, पेट से जुड़ी बीमारी, टांन्सिल से जुडी बीमारियों का बेहतर उपचार किया जाता है।

इसके अलावा डॉ राजर्षि मिश्रा बच्चों का भी होम्योपैथिक पद्धति से रोगों का उपचार करते आ रहें है। सुबह 1 से 4 और शाम को 5 से 10 बजे तक अपने क्लीनिक सेक्टर 10 में मौजूद रहते है। इन्हें हाल ही में दुबई में रूमेटोलॉजी में विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया था। सम्मान बर्नेट होम्यो पैथी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया था। दूसरा होम्योपैथी समिट द्वारा दुबई में यह आयोजन किया गया था। छत्तीसगढ़ से सिर्फ दो डॉक्टरों का चयन किया गया। जिसमें डॉ राजर्षि मिश्रा थे। इसमें 28 देशों के डॉक्टरों को बुलाया गया था।