
दुर्ग: जनता की सेवा में सदैव तत्पर रहने वाली दुर्ग पुलिस ही खुद अनहोनी की आशंका के बीच रात और दिन गुजारने को मजबूर हो रही है। थाना मोहन नगर का भवन पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में है। भवन का प्लास्टर भी टूट-टूटकर गिरने लगा है। जिसकी चपेट में आने से कभी भी कोई हादसा हो सकता है। बता दे की सोमवार की देर शाम अचानक छत का छज्जा गिर गया, ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी भागकर किसी तरह अपनी जान बचायी, नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था। मोहन नगर थाना का भवन पूर्ण रूप से जर्जर हो चुका है,बरसात के दिनों में पूरे थाने में पानी टपकता रहता है। घटना सोमवार शाम 4 बजे की है ज़ब बालमित्र कक्ष का पूरा छज्जा टूट कर एक जोरदार आवाज के साथ जमीन पर गिर पड़ा और एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया दुर्ग स्टेशन तथा इंदिरा मार्केट के लोगों को सुरक्षा देने वाला मोहन नगर थाना खुद अपनी सुरक्षा के लिए भगवान के सहारे हैं। मोहन नगर थाना अपराधी तस्करी की दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील है जिस पर नियंत्रण करने के लिए जिले के अन्य थाने की तुलना में यहां अधिक संसाधनों की जरूरत है। मगर ऐसा नहीं है थाने में अलग-अलग बस्तीयों में गस्ती करने वाले पुलिस पदाधिकारी रामभरोसे गस्ती करते हैं लोगों की सुरक्षा देने वाले खुद ही असुरक्षित है असुरक्षित रहकर आम लोगों को सुरक्षा कैसे देंगे? यह यक्ष पक्ष बना हुआ है।
क्षेत्र की जनता की सुरक्षा के लिए तीन दशक पूर्व थाना भवन का निर्माण कराया गया था। भवन का समय समय पर रख रखाव होने के बाद भी स्थिति दयनीय होती जा रही है। थाना भवन की दशा यहां तक खराब हो गई है,कि आए दिन भवन के छत और छज्जा पर लगा प्लास्टर टूट-टूटकर गिर रहा है। जिसके कारण कभी भी फरियादी हो या पुलिसकर्मी इसकी चपेट में आने से हादसे का शिकार हो सकते हैं। पुलिसकर्मियों के आवास भी जर्जर हो चुके है।थाने में तैनात पुलिसकर्मियों के रहने के लिए बनाए गए आवास भी थाना भवन के साथ बनाए गए थे। जिनकी हालत भी दयनीय हो गई है। जर्जर हालत में पहुंच चुके इन आवासों में पुलिसकर्मी रहने को मजबूर है। कई पुलिसकर्मियों का परिवार भी जर्जर आवासों में निवास कर रहे हैं।
