अवैध मुरुम उत्खनन का अड्डा बना भिरेभाट,पंचायत और माइनिंग के मेहरबानी से मुरुम माफ़िया काट रहे चांदी

दुर्ग/अहिवारा: जिले मे अवैध मुरुम खनन माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। और हो भी क्यों ना ज़ब शासन द्वारा ऐसे ढीले नियम ही बना दिए गए हैं जिसका माफिया धज्जियां उड़ाते जिले भर मे दिख रहे है। वही अहिवारा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भिरेभाट मे इन दिनों अवैध मुरुम उत्खनन का कार्य जोरों पर है,बता दे की मुरुर्म उत्खनन राज्य में हो पूरी तरीके से प्रतिबंधित है सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था किसी भी तरीके का उत्खनन नहीं किया जाना चाहिए और होता भी यही है इन खनन माफियाओं को मुरूम उत्खनन करने का परमिशन नहीं दिया जाता है। लेकिन ये खनन माफ़िया मुरुम का ढेर दिखाकर शासन की भर्मित के माइनिंग और पंचायत के मेहरबानी से तालाब और भाटा जमीनो को खोदने मे लग जाते है।

शिकायत करने पर संबंधित विभाग करता है टालमटोल
ग्रामीणों ने बताया की अवैध मुरुम का ये खेल कई सालों से क्षेत्रों में खेला जा रहा है. ग्रामीणों द्वारा शिकायत करने पर अधिकारियों द्वारा टालमटोल कर इन माफियाओं को खुला संरक्षण दिया जाता है। लेकिन ग्रामीणों की शिकायत पर कभी भी इन मुर्ग माफियाओं पर कार्रवाई नहीं होती जिससे इन माफियाओं के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं। मुरूम माफिया पंचायत और माइनिंग की मेहरबानी से चांदी काट रहे हैं।

वही जब हमारी बात क्षेत्र के तहसीलदार से हुई और जब इसकी जानकारी हमारे द्वारा उनको दी गई उन्होंने माइनिंग विभाग देखेगा कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया, जिसके बाद क्षेत्र के एसडीएम को जानकारी दी गई एसडीएम ने बताया कि मैंने वहां पर जाकर जानकारी ली है उनके पास रॉयल्टी मौजूद है लेकिन अब सवाल ये उठता है की रॉयल्टी तो मुरुम के ढेर की परिवहन करने के लिए खनिज विभाग द्वारा दिया जाता है लेकिन यहां तो प्रत्यक्ष रूप से खुदाई का कार्य किया जा रहा है.जो प्रतिबंधित है उसके बावजूद प्रशासन द्वारा अपनी आंखें मूंद कर इन मुरुम माफियाओं को खुली छूट दी जा रही है। जिसकी वजह से भीरेभाट मुरूम माफियाओं का अड्डा बनता जा रहा है, ग्रामीणों में इस अवैध मुरूम माफियाओं और इनको संरक्षण देने वालो के प्रति भरी रोष है ग्रामीणों ने बताया कि जल्द ही इन माफियाओं की शिकायत जिले के कलेक्टर से की जाएगी

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