गोविंदा चौहान
भिलाई: महादेव बुक नाम से चर्चित ऑनलाइन सट्टे को चलाने वालों के बीच फूड पड़ गई है। महादेव से जुड़े राजदार अपने ही आकाओं और साथियों की पोल खोलने में लगे हैं। दुर्ग में पुलिस की नाक के नीचे चल रहे ऑनलाइन सट्टे का भंडाफोड़ इसी का नतीजा था। एप को दुबई में बैठक आपरेट करने वाले सौरभ चंद्राकर, राज गुप्ता, रोहित तिक्री के नाम भी इसी वजह से उजागर हुए। अब उन्हीं राजदारों के माध्यम से पुलिस ट्विनसिटी के लोकल पार्टनरों की लिस्ट तैयार करने में लगी है। इस बीच अपने को शहर का प्रतिष्ठित व्यक्ति समझने वाले एक बिचौलिए के बारे में भी एक चौकाने वाली खबर खूब वायरल हो रही है। चर्चा है कि उसने महादेव के राज छुपाने के एवज में उपहार स्वरूप एंबुलेंस ली। रकम की जगह एंबुलेंस। यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है, इसलिए लोगों के लिए शोध का विषय बन गया है।
वहीं, ऑनलाइन सट्टे से जुड़े लोगों के जैसे-जैसे नाम उजागर होते जा रहे हैं। ठीक वैसे-वैसे वे शहर छोड़ने में लगे हैं। इसी वजह से काले और गोरे के नाम से मशहूर सटोरी भाई पहले से शहर छोड़ चुके हैं। उनकी तलाश में पुलिस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। इसी तरह लोकल नेटवर्क में हाउसिंग बोर्ड के सन्नी और कैंप के अभय का नाम भी सामने आया है। इसके अलावा प्रतिष्ठित मेडिकल स्टोर संचालक के भतीजे की भूमिका भी सामने आने आई है। वहीं, लगातार मामला उजागर होने की वजह से इस कारोबार से जुड़े लोग धन बल और जुगाड़ बल जो काम आ जाए। उसका उपयोग करने में लगे हैं। इसके चलते पिछले मोहन नगर पुलिस के मामला उजागर करने के बाद अमला अधिकारियों तक पहुंच वाले लोगों से कॉल तक करवाया गया। ताकि पुलिस जांच को आगे नहीं बढ़ा सके। रही बात उस बिचौलिए की तो उसके बार में यह कहा जाता है कि वो जितना पुलिस महकमे में घुसा है। उतना ही अपराध जगह के लोगों के साथ जुड़ा है। इसलिए शहर में होने वाले प्रत्येक सामाजिक अपराध के खुलासे से लेकर उसे निपटवाने में उसकी अहम भूमिका रहती है। वहीं, दुबई में बैठे सौरभ के बारे में यही बताया जा रहा है कि इस कारोबार से जुड़ने के बाद जब उसकी कमाई में आसमान छूने लगी तो उसने सरकारी नौकर पिता से उनकी नौकरी तक छुड़वा दी। रिटायरमेंट होने के 8 साल पहले ही वीआरएस दिलवा दिया। अपने दिलीप चाचा को भी कारोबार से जोड़ रहा है। पुलिस इस में मामले में जल्द बड़ा खुलासा करने की तैयारी में जुट गई है।
