
बस्तर। दक्षिण बस्तर के घने जंगलों में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ दिया है। बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों की संयुक्त कार्रवाई में करीब 2 हजार जवान शामिल हैं। यह ऑपरेशन नक्सलियों के शीर्ष लीडर हिड़मा और उसकी बटालियन को घेरने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
ऑपरेशन के दौरान ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही है और हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय पर रखे गए हैं। करेंगुट्टा मुठभेड़ के बाद इसे साल का दूसरा सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है। पहले दिन तीन नक्सलियों के मारे जाने की सूचना है। तीनों जिलों के एसपी स्वयं ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को विश्वास है कि हिड़मा, देवा और एर्रा जैसे बड़े लीडर इसी इलाके में छिपे हैं।
इधर, माओवादी गतिविधियों से प्रभावित अबूझमाड़ के ग्राम कोंगे में नारायणपुर पुलिस और बीएसएफ 129वीं बटालियन ने नया सुरक्षा व जन-सुविधा कैंप स्थापित किया है। यह “माड़ बचाव अभियान” के तहत खुला 13वां कैंप है, जो माओवाद उन्मूलन और ग्रामीण विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह कैंप सोनपुर थाना से 30 किमी अंदर स्थित है।
कार्यक्रम में आईजी पी. सुन्दराज, डीआईजी अमित कांबले, एसपी राबिनसन गुड़िया सहित बीएसएफ और डीआरजी के अधिकारी मौजूद रहे। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि अब वे खुद को अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और कई नक्सल समर्थक आत्मसमर्पण की इच्छा जता रहे हैं।