पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज द्वारा रेंज स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

दुर्ग। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के निर्देशन में महात्मा गांधी कला मंदिर सिविक सेंटर सभागार में रेंज स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में रेंज के 250 से अधिक थानों के कोर्ट आरक्षक, मददगार, मुंशी, कोर्ट मोहरीर, विवेचक, थाना प्रभारी और राजपत्रित अधिकारियों ने भाग लिया।

कार्यशाला का उद्देश्य पुलिस और न्यायालयीन प्रक्रियाओं को मजबूत बनाते हुए न्यायिक मामलों की गुणवत्ता में सुधार करना और अपराधियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना था। इस दौरान अपराध नियंत्रण के लिए नवीन रणनीतियों और प्रभावी कानून व्यवस्था स्थापित करने के तरीकों पर चर्चा की गई।

पुलिस महानिरीक्षक राम गोपाल गर्ग ने कहा कि पुलिस की विवेचना प्रणाली का सशक्त होना अपराध नियंत्रण और न्याय प्रक्रिया की सफलता की कुंजी है। उन्होंने जमानत आवेदन पर विरोध के महत्व को रेखांकित करते हुए इस प्रक्रिया को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि विवेचना के दौरान पुलिस की तत्परता और सटीकता अपराधियों को सजा दिलाने में निर्णायक साबित होती है।

पुलिस अधीक्षक दुर्ग जितेंद्र शुक्ला ने कहा कि पुलिस की सफल विवेचना न केवल अपराधियों को सजा दिलाती है, बल्कि इससे समाज में कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जा सकता है।

कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद अशोक जोशी ने ट्रायल मॉनिटरिंग जरायम प्रोफार्मा के महत्व पर प्रकाश डाला। उप संचालक बालोद प्रेमेंद्र बैसवाड़े ने कहा कि विवेचना अधिकारी विवेचना से जुड़े दस्तावेज़ों और साक्ष्यों की प्रासंगिकता पर चर्चा की। उनके सत्र में कर्मचारियों ने अपनी शंकाओं को दूर किया।

कार्यशाला में विशेष रूप से अपराध रोकथाम और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए ठोस विवेचना और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया गया। कार्यक्रम का संचालन पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बालोद देवांश सिंह राठौर ने किया।

मोनिका ठाकुर, राजेश झा, डॉक्टर चित्रा वर्मा, शिल्पा साहू, बेनिफास एक्का, राजेश बागड़े, मनोज तिर्की, सत्य प्रकाश तिवारी, संजय पुंढीर सहित रेंज के अन्य राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी, विवेचक, मुंशी, मददगार, कोर्ट आरक्षक और कोर्ट मोहरीर उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने अनुभवों और ज्ञान को साझा किया और अपराध नियंत्रण और न्याय प्रक्रिया में सुधार के लिए विभिन्न सुझाव दिए।

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