
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन से जुड़े महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी नागरिक की संपत्ति पर बिना वैध प्रक्रिया के बुलडोजर चलाना असंवैधानिक है।
कानून का पालन अनिवार्य है और अधिकारों की रक्षा आवश्यक है। अगर किसी व्यक्ति का घर अवैध तरीके से तोड़ा जाता है, तो उसे मुआवजा मिलना चाहिए। किसी एक व्यक्ति की गलती की सजा पूरे परिवार को नहीं दी जा सकती।
नोटिस और 15 दिन का समय अनिवार्य है। किसी भी प्रकार के ध्वस्तीकरण के पहले आरोपी को नोटिस देना अनिवार्य होगा। नोटिस रजिस्टर्ड डाक से भेजा जाएगा और संबंधित मकान के बाहर भी चिपकाया जाएगा।
सार्वजनिक भूमि पर कब्जे पर यह निर्देश लागू नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करते हुए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए हैं कि इस आदेश का सख्ती से पालन हो। किसी भी अधिकारी द्वारा इन निर्देशों की अवहेलना पर उस अधिकारी के खिलाफ अवमानना का केस चलाया जाएगा और यदि संपत्ति अवैध रूप से ध्वस्त की गई हो, तो संबंधित अधिकारी मुआवजे और संपत्ति को पुनर्स्थापित करने के लिए उत्तरदायी होंगे।