
रायपुर । छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड ने अपने आवासीय मकानों और व्यावसायिक भवनों को फ्री होल्ड करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह निर्णय पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान शुरू की गई फ्री होल्ड प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को देखते हुए लिया गया है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान 2020 में सरकार ने हाउसिंग बोर्ड के मकानों को फ्री होल्ड करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत, हाउसिंग बोर्ड के मकानों को खरीदने वाले लोगों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाता था। लेकिन इस प्रक्रिया में कई दिक्कतें आ रही थीं।
फ्री होल्ड के बाद राजस्व अभिलेख में नामांतरण कराने में परेशानी हो रही थी, जिसमें भूमि स्वामी के नाम रूप में उनका नाम तो दर्ज हो जाता था, लेकिन अभिलेख में रिकार्ड दुरूस्तीकरण नहीं होने के कारण धारणाधिकार/राजस्व भू उपयोग में आवासीय के स्थान पर “कृषि अथवा शासकीय भूमि” दर्शित होता था। इससे हितग्राहियों को व्यपवर्तन के पुर्ननिर्धारण की जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा था।
इसके अलावा, हितग्राहियों को प्रीमियम, वार्षिक पुनरीक्षित भू राजस्व, अधोसंरचना उपकर, पर्यावरण उपकर, वर्तमान दर पर अर्थदण्ड का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा था। इसे ध्यान में रखते हुए, हाउसिंग बोर्ड ने आगामी आदेश तक बिना व्यपवर्तन के अथवा धारणाधिकार में कृषि भूमि के रूप में दर्ज करने का निर्देश जारी किया है।