
मृतक शहजाद खान
सऊदी अरब में काम कर रहे भिलाई सेक्टर-7 निवासी शहजाद खान (29 साल) की रेगिस्तान के तूफान में फंसने से मौत हो गई। चार दिन बाद उसके शव को सऊदी पुलिस ने खोजकर निकाला। इसके बाद उसे हैदराबाद भेजा गया, जहां से परिजनों ने उसके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया।

चाचा अमानउल्ला खान
शहजाद के चाचा अमानउल्ला खान ने बताया कि शहजाद उनका भतीजा था। पिता की मौत के बाद वो ही उसकी जिम्मेदारी देख रहे थे। शहजाद की शादी हो चुकी है और दो बच्चे हैं। डेढ़ साल पहले ही वो सेक्टर-7 सड़क 26 क्वाटर-9 बी अपने घर आया था। उसके पिता BSP में नौकरी करते थे।
शहजाद सात साल से सऊदी अरब में अल हुफुफ में एक टेली-कम्युनिकेशन कंपनी में सर्वेयर की जॉब करता था। नौकरी के दौरान वो दमाम में रहता था। कंपनी ने उसे और सुडान के रहने वाले उसके सहकर्मी को सर्वे के लिए रेगिस्तान की तरफ भेजा था। वो दोनों 19 अगस्त को अपनी गाड़ी से सुडान के रास्ते निकलते थे।
रास्ता भटकने के डर से उन्होंने जीपीएस ट्रैकर भी लिया हुआ था। अचानक उनकी गाड़ी का GPS सिग्नल फेल हो गया और उनकी गाड़ी रेगिस्तान में फंस गई। इसी दौरान रेगिस्तान का तूफान आने से वो लोग रास्ता भटक गए। दोनों तीन दिन तक रास्ता खोजते, लेकिन मंजिल नहीं मिली। इस बीच उनकी गाड़ी का पेट्रोल खत्म हो गया और फोन की बैटरी डेड हो गई। तीन दिन तक तपती रेत में बिना खाना पानी के शहजाद और उसके दोस्त ने दम तोड़ दिया।
शहजाद का पूरा शरीर गर्म रेत से कोयले की तरह काला पड़ गया। तीन दिन बाद नजर आई गाड़ी। अमानउल्ला ने बताया कि जब शहजाद अपने ऑफिस नहीं लौटा तो कंपनी के लोगों ने दोनों की खोजबीन शुरू की। कंपनी के दो हेलीकॉप्टर रेगिस्तान में उसे खोजने पहुंचे। जब वो नहीं मिले तो दूसरे दिन चार हेलीकॉप्टर को भेजा गया। तीन दिन बाद 22 अगस्त को उसकी गाड़ी रेगिस्तान के बीच दिखाई दी। कंपनी के लोग गाड़ी के पास गए तो शहजाद और उसका दोस्त मृत पड़े मिले।
