
रायपुर । केंद्रीय भूमि जल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ का भू-जल स्तर लगातार गिरावट की ओर है। साल 2040 तक राज्य का भू-जल स्तर अपनी सर्वाधिक गिरावट दर्ज कर लेगा, जिससे पानी के लिए हाहाकार मच जाएगा। इस स्थिति को देखते हुए सरकार जल संरक्षण के उपायों पर ध्यान दे रही है।
जल जगार महोत्सव में गड़बड़ी
हाल ही में धमतरी जिले में जल जगार महोत्सव का आयोजन किया गया था, जिसमें जिला प्रशासन ने दो करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस आयोजन का उद्देश्य जल संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना था, लेकिन दस्तावेजों की पड़ताल से पता चलता है कि इस आयोजन में बड़ी गड़बड़ी हुई है।
टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता
दस्तावेज बताते हैं कि टेंडर की शर्तें ऐसी बनाई गई थीं, जिससे एक विशेष इवेंट कंपनी को फायदा पहुंचाया जा सके। भंडार क्रय नियमों की अनदेखी की गई और टेंडर की पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई। इस आयोजन के लिए लाइम लाइट क्राप कंपनी को 2 करोड़ 9 लाख 63 हजार रुपए का भुगतान किया गया था।
अतिरिक्त भुगतान और दबाव
आयोजन खत्म होने के बाद करीब दस लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान लाइम लाइट क्राप कंपनी को कर दिया गया। आरोप है कि स्थानीय स्तर पर निजी संस्थानों और संगठनों पर भी आयोजन के लिए चंदा देने का दबाव बनाया गया था।
विधानसभा में उठा था मुद्दा
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान यह मुद्दा सदन में उठा था। सरकार ने अपने जवाब में बताया था कि आयोजन के लिए 2 करोड़ 10 लाख रुपए का आबंटन प्राप्त था, जिसमें से करीब 20 लाख रुपए केंद्र से प्राप्त हुए थे।
क्या था जल जगार महोत्सव?
जल संरक्षण का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से धमतरी जिला प्रशासन ने जल जगार महोत्सव का आयोजन किया था। इस दो दिवसीय उत्सव को जल ओलंपिक भी कहा गया था, जिसमें विभिन्न स्पोर्ट्स एक्टिविटी कराई गई थीं।