
भिलाई: इंदिरा गांधी शासकीय महाविद्यालय वैशाली नगर में महाविद्यालय के एन. ए .टी. एस.(राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना आयोजित की गई कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ दिनेश सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षु अधिनियम 1961 में बनाया गया जिसके बाद 2014 में उसमे संशोधन कर उसमे सभी स्नातक विद्यार्थियों को इसमें सम्मिलित किया गया।राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की एक महत्वाकांक्षी योजना है।इसके तहत स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसकी अवधि 6 माह से 3 वर्ष तक हो सकती है। इस दौरान उन्हें रु 9000/- प्रति माह का स्टाइपेंड भी दिए जाने की व्यवस्था है। प्रशिक्षण सफलतापूर्वक समाप्त कर लेने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा तथा इसे 01 वर्ष का अनुभव भी माना जाएगा। इससे विद्यार्थियों को कई लाभ होंगे जैसे उनका कौशल विकास होगा, रोजगार मिलने में आसानी होगी तथा पढ़ते हुए स्टाइपेंड प्राप्त होगा। कार्यक्रम के अंत में एन. ए. टी. एस. पोर्टल में सभी स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का पंजीयन कराया गया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो सुरेश ठाकुर ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो अमृतेष शुक्ला ने दिया। कार्यक्रम में डॉ अजय मनहर तथा डॉ लक्ष्मी रमन आडिल उपस्थित रहे। कार्यक्रम महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ अलका मेश्राम के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी स्नातकोत्तर छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।