
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने 22 जिलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट गठन का नोटिफिकेशन जारी किया है। इन कोर्ट में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई करेंगे।
फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन बलौदा, बलौदाबाजार, बस्तर जगदलपुर, बेमेतरा, बिलासपुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, धमतरी, दुर्ग, जांजगीर चांपा, जशपुर, कबीरधाम कवर्धा, कोंडागांव, कोरबा, कोरिया बैकुंठपुर, महासमुंद, मुंगेली, रायगढ़, रायपुर, सूरजपुर, राजनादगांव, सरगुजा अंबिकापुर व उत्तर बस्तर कांकेर में किया गया है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम-2018 के जरिए रेप के अपराधियों के लिए मौत की सजा का कड़ा प्रावधान करना है। पीड़ितों को तत्काल न्याय देने के लिए अक्टूबर-2019 से न्याय विभाग ने यौन अपराधों से संबंधित मामलों की जल्द सुनवाई के लिए देश भर में फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स (FTC) के साथ ही विशिष्ट POCSO न्यायालयों की स्थापना के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना लागू की है।
प्रत्येक फास्ट ट्रैक कोर्ट में एक न्यायिक अधिकारी और सात सदस्य कर्मचारियों का प्रावधान किया गया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई और फैसले की रफ्तार काफी तेज होती है। इसमें जो भी जानकारी दी हुई है सबको लिखना है।