
रक्षाबंधन 2024: भाई-बहन के पवित्र स्नेहबंधन का पर्व
गोविंदा चौहान । भिलाई । रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन के स्नेह को मजबूत बनाने के लिए विशेष योग संयोग बन रहे हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा पर रवि और शोभन योग के साथ ही श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बनेगा। सावन का अंतिम सोमवार भी पड़ रहा है।
रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त में भाई की कलाई पर बहनें राखी बांधेंगी। इस दिन भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाना चाहिए। बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। काले रंग की या खंडित राखी भाइयों की कलाई पर नहीं बांधनी चाहिए।
भाई को कम से कम 21 दिन या जन्माष्टमी तक अपनी कलाई से राखी नहीं उतारना चाहिए। उतारने के बाद भी इसे अगले वर्ष तक सहेज कर रखना चाहिए। राखी कलाई से उतारते वक्त खंडित हो जाए तो उसे संभालकर नहीं रखना चाहिए। उसे मुद्रा के साथ किसी पेड़ के नीचे रख देना चाहिए। अथवा जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।
इस दिन बहनों को सुबह भगवान को एक थाली में सुंदर सजी हुई राखियां चढ़ानी चाहिए। फिर उनके माथे पर कुमकुम और चावल लगाने के बाद उन्हें राखी बांधे और उनकी आरती उतारें।
भद्रा काल शुरू: 19 अगस्त को रात 09.30 बजे से दोपहर 1.30 तक। रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्तः 19 अगस्त को दोपहर 01.30 बजे से रात्रि 11 बजे तक अपने भाई को दही और चीनी खिलाकर रक्षा सूत्र बांधें। श्रावणी उपाकर्म भी रहेगा।