बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक पति को अपनी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या के लिए फांसी की सजा सुनाई है। यह सजा न्यायमूर्ति अविनाश कुमार त्रिपाठी ने सुनाई है।

बिलसपुर l अभियुक्त उमेंद्र केवट ने अपनी पत्नी सुक्रिता और तीन बच्चों खुशी, लिसा और पवन की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया था और मामला अदालत में चलाया गया था।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अभियुक्त को उसकी गर्दन में फांसी का फंदा डालकर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मौत न हो जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अभियुक्त ने अपने परिवार के सदस्यों की निर्मम हत्या की और उसके चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था।

इस मामले में अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मृत्युदंड और 10,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि यह एक दुर्लभ मामला है और अभियुक्त को मृत्युदंड दिया जाना उचित है।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि अभियुक्त ने अपने परिवार के सदस्यों की हत्या की और उसके बाद भी उसने कोई पछतावा नहीं दिखाया। इस मामले में कोर्ट ने अभियुक्त को मृत्युदंड दिया है और यह फैसला न्यायमूर्ति अविनाश कुमार त्रिपाठी ने सुनाया है।

न्यायमूर्ति अविनाश कुमार त्रिपाठी मूलतः प्रयागराज उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं और 2008 बैच के न्यायिक अधिकारी हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश और प्रयागराज में शिक्षा प्राप्त की है और सिविल मामलों के अच्छे जानकार हैं।

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