दुर्ग: नेवई थाना इन दिनों चर्चे मे है। बता दे की क्षेत्र इन दिनों अवैध गतिविधियों मे शामिल लोगों की पहली पसंद बनी हुई, और हो भी क्यू ना ज़ब इसी क्षेत्र में भारत का चौथा स्तम्ब माने जाने वाली पत्रकारिता को कलंकित करने वाले शख्स के द्वारा पत्रकारिता की आड़ मे अवैध सट्टा पट्टी का कारोबार बिना किसी रोक टोक के किया जा रहा है? ये बात ज़ब जिले मे अवैध गतिविधियों मे शामिल लोगों को पता चली तो नेवई जाने की होड़ लग गई यही वो जगह है जहा सभी जाकर चांदी काटना चाहते है। क्षेत्र में पहले से ही अवैध कबाड़ी सट्टा संचालित है। लेकिन पुलिस चाह कर भी या कहे की इस अवैध कारोबार को देखकर भी अनदेखा कर रही है। सूत्रों की माने तो नेवई थाना क्षेत्र और थाने में एक सट्टोरिया पत्रकार और उसके भाई की अच्छी खासी पकड़ है, ये सट्टोरिया पत्रकार खुद को किसी मंत्री का खास बताकर गुंडागर्दी कर अवैध सट्टा पट्टी का कार्य कर रहा है। मंगलवार को जानकारी मिलने पर ज़ब एक पत्रकार न्यूज़ बनाने की मंसा से उसके अड्डे पर पहुंचा तो सट्टोरिया पत्रकार के भाई और उसके साथियो द्वारा न्यूज़ बनाने गए पत्रकार से गुंडागर्दी करते हुए मार पीट की गई और उसका मोबाइल सहित जेब से पैसा तक लूट लिया गया। जैसे तैसे पत्रकार ज़ब थाने पंहुचा तो मामूली धाराओं मे मामला पंजीबद्ध कर पुलिस ने खानापूर्ति करदी।पीड़ित पत्रकार गोपाल निर्मलकर ने बताया की सटोरियों के द्वारा उनका पर्स और मोबाइल भी लूट गया लेकिन पुलिस ने सिर्फ मारपीट की ही धाराओं मे मामला पंजीबद्ध किया और तो और 2 दिन बाद पुलिस ने सटोरियों के कहने पर उल्टा पीड़ित के खिलाफ ही काउंटर केस दर्ज कर दिया है। जो कही ना कही ये दर्शाता है की इस सटोरिये पत्रकार के लिए पुलिस की किस तरह की सहनुभूति है?