भिलाई : शहर की पुलिस कबाड़ियों पर ज्यादा महरबान दिख रही है। जिले में नए कप्तान की आमद के साथ करीब दो दर्जन से कबाड़ियों पर कार्रवाई करके जमकर वाह-वाही लूटी। लेकिन कप्तान के पुराने होते ही उनसे दोस्ती कर ली। इसके चलते नजारा ऐसा बन है कि सुपेला थाने के पीछे वाले रास्त खुलेआम कबाड़ चल रहा है। इस दौरान पेट्रोलिंग भी गश्ती के लिए रोजाना उसकी दुकान के आगे से निकलती है। लेकिन काबड़ी को देखकर आंख कर लेते हैं।
सामने से पुलिस के गुजरने पर भी उसे कुछ न कहने से कबाड़ी की हिस्मत दोगुनी हो गई है। इसके चलते पहले बीएसपी से चुराए माल को खपाता था। लेकिन अब चोरी के वाहनों को भी कबाड़ में तब्दील करके चांदी काट रहे है। ऐसे में एक कहावत है कि सइंया भए कोतवाल तो डर काए का। इसी चरितार्थ करके इस कबड़ी ने पुलिस का भरपूर सहयोग मिलने की वजह से अपना नाम पुलिस कबाड़ी ही रख लिया। इसी तरह भिलाई-3 थाना अंतर्गत हथखोज एरिया में अनिल की ठकुरायत चल रही है। ये कबाड़ी बंद फैक्ट्रियों को किराए पर लेकर चोरी का माल जमकर खपा रहा हैं। इस पर पुलिस की इतनी मेहरबानी है कि कप्तान के आने के बाद से अब तक पुलिस इनके द्वार पर नहीं पहुंची है।
इसी प्रकार जामुल घासीदास मे सुखचंद और पाल कबाड़ी भी बड़े आराम से कबाड़ी का धंधा चला रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जामुल के इडिस्ट्ररियल का चुराया हुआ सारा मॉल यही खप्त होता है। लेकिन फिर भी सालों से ये कबाड़ी जामुल मे संक्रिय है, और पुलिस से इनका याराना इतना गंभीर है की इनकी दोस्ती पर मुहल्ले बुजुर्गो का कहना है की साल 1975 मे आई हिंदी पिक्चर फ़िल्म शोले मे अमिताभ और धर्मेंद्र की दोस्ती पर गाया गाना ” ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे, “तोड़ेंगे दम अगर तेरा साथ ना छोड़ेंगे “आज इनकी दोस्ती पर बहूत सटीक बैठता है।
