नवीन आपराधिक कानूनों पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन


एसएनजी स्कूल सेक्टर-4 के ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम

दुर्ग । भारत सरकार द्वारा पूर्व प्रचलित आपराधिक कानूनों के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारत साक्ष्य अधिनियम 2023 नामक तीन नवीन कानून बनाए गए हैं, जो 1 जुलाई 2024 से प्रभावशील होंगे। इसी क्रम में नवीन आपराधिक कानूनों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन एसएनजी स्कूल, सेक्टर-4 के ऑडिटोरियम में किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग, विजय अग्रवाल ने कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए बताया कि भारतीय न्याय संहिता आम नागरिकों को शीघ्र न्याय दिलाने के उद्देश्य से बनाई गई है। इसमें न्यायालय और पुलिस के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है ताकि न्याय मिलने में विलम्ब न हो। महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों की स्पष्ट परिभाषा दी गई है तथा दंड का प्रावधान कठोर बनाया गया है। बच्चों की परिभाषा भी स्पष्ट की गई है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 4 के तहत सामुदायिक सेवा का प्रावधान न्याय व्यवस्था को दंड से न्याय की ओर अग्रसर करने वाला कदम है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अंतर्गत अब यदि किसी स्थान पर अपराध घटित होता है और व्यक्ति घर पर उपस्थित नहीं है, तो जहां वह मौजूद है, वहीं से एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती है। एफआईआर दर्ज करना पुलिस का दायित्व होगा।

भारत साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत तलाशी के दौरान अनिवार्य रूप से फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी की जाएगी, जो न्यायालय में मान्य साक्ष्य मानी जाएगी। इससे न्यायिक प्रक्रियाओं में विलंब कम होगा और आरोपी को शीघ्र सजा मिल सकेगी।

उप संचालक अभियोजन, जिला बालोद, प्रेमेन्द्र बैंसवाड़े ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के पुराने और नए कानूनों के अंतर, नई संहिता की विशेषताओं, शक्तियों और बाध्यताओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही भारतीय साक्ष्य संहिता के प्रावधानों तथा सावधानियों पर भी प्रकाश डाला।

अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी, जिला बालोद, प्रमोद धृतलहरे ने भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं को सरल भाषा में समझाया।

कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) सुखनंदन राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अभिषेक झा, उप पुलिस अधीक्षक (लाइन) चन्द्रप्रकाश तिवारी, रक्षित निरीक्षक दुर्ग नीलकंठ वर्मा सहित कुल 166 अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।


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