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डैस्क बोर्ड l भिलाई ग्राम पतोरा की सरपंच अंजिता गोपेश साहू को स्वच्छता और पेयजल से जुड़ी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन तथा ग्राम विकास के लिए उनके अभिनव पहल को देखते हुए नई दिल्ली में 15 अगस्त को आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
अंजिता ने अपने काम और सोच से गांव की तस्वीर तो बदली ही, पूरे देश में छत्तीसगढ़ और दुर्ग जिले का मान भी बढ़ाया है। लगभग 4000 आबादी वाले पतोरा पंचायत के भवन में वाई फाई की सुविधा है। यहां जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और साथ ही दिव्यांगों को पेंशन का वितरण भी ऑनलाइन किया जाता है।
गांव में सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पंचायत भवन में सोलर पैनल का उपयोग कर बिजली की बचत की जा रही है। ई-रिक्शा से कचरा संग्रह गांव की सड़कें पक्की हैं।
सरपंच अंजिता ने बताया कि प्रदेश की यह पहली पंचायत है, जहां ई रिक्शा और ट्रैक्टर से कचरा संग्रह शुरू हुआ। घरों के स्नानागार व कपड़े की धुलाई से निकले व्यर्थ जल (ग्रे वाटर) का उपचार त्रिस्तरीय फिल्टर प्लांट में किया जाता है।
तालाब के पास दो मैजिक पिट बनाए गए हैं। हैंडपंप से व्यर्थ बहने वाले जल के लिए सोख्ता गड्ढे बनाए गए हैं। गली मोहल्लों में आवाजाही सुविधाजनक बनाने सीसी रोड का निर्माण कराया गया है। हाई मास्ट लाइट जलती है।
फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट में बना रहे गुणकारी खाद
जिले का पहला फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट पतोरा में शुरू हो चुका है। इससे अब घरों व सार्वजनिक शौचालयों से निकलने वाले स्लज को उपयोगी खाद के रूप में तैयार किया जा रहा है। फिर 3 से 4 माह में उससे जैविक खाद तैयार हो जाता है। यह खाद अन्य रासायनिक खादों की अपेक्षा 20 गुना ज्यादा गुणकारी होगी।
यहां पंचायत का खुद का सक्शन युनिट भी है। पंचायत ने अब खाद की बिक्री भी शुरू कर दी है। इस प्लांट को देखने केंद्र स्तर और विदेशों से भी विशेषज्ञ आ चुके हैं।
प्लास्टिक कचरे का गांव में ही किया जाता है निस्तारण
यहां प्लास्टिक कचरे का निस्तारण अब पंचायत स्तर पर ही किया जा रहा है। इसके लिए प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट भी लगाई गई है। इस यूनिट में आसपास के गांवों से भी प्लास्टिक कचरे को मंगाकर उसकी प्रोसेसिंग की जाएगी।
