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गोविन्द चौहान l दुर्ग. 28 साल दांपत्य जीवन गुजारने के बाद पत्नी से तलाक लेने का मामला सामने आया है। वर्ष 1996 में दंपती की शादी हुई। पत्नी को दुनिया जहां की खुशियां देने के लिए पति परदेश काम करने चला गया। लेकिन उसे क्या पता था कि यही उसकी सबसे बड़ी भूल बनेगी। पति गैरमौजूदगी में पत्नी ने दूसरे व्यक्ति संबंध स्थापित कर लिए। पति के साथ नहीं रहने के बाद पत्नी ने 12 बार गर्भपात कराया। हर बार उसके साथ पति के बजाय प्रेमी अस्पताल में रहा। जब पति को इसकी जानकारी हुई तो पति पूरी तरह टूट गया लेकिन अपने घर को बचाने के लिए पति ने समझौता किया और उसे साथ रखने को तैयार हुआ, लेकिन पत्नी ने लगातार पराए मर्द से संपर्क बनाए रखा।
इस पर पति ने दुर्ग परिवार न्यायालय में तलाक का आवेदन किया, लेकिन परिवार न्यायालय ने मौखिक साक्ष्यों के आधार पर पति के आवेदन को खारिज कर दिया। इसके बाद पति ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई। हाई कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट व पत्नी के 8 से 12 बार गर्भपात कराने और पति के भाई व घर में काम करने वाली के बयान को पुख्ता साक्ष्य माना और पति के तलाक की याचिका को मंजूर कर लिया है। इस मामले में जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस रजनी दुबे की डीबी में सुनवाई हुई। कोर्ट ने पति पत्नी में सुलह का रास्ता बंद होने पर पति की याचिका को स्वीकार कर तलाक की मंजूरी दे दी है।