0-5 वर्ष के बच्चों को निमोनिया से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी

बाल निमोनिया से जागरूकता और रोकथाम के लिए 28 फरवरी तक विशेष अभियान, स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण संपन्न

सत्येन्द्र बडघरे कवर्धा – जिले में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को निमोनिया से बचाव व जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सांस (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज न्यूमोनिया सक्सेसफुली) अभियान 12 नवम्बर 2025 से शुरू हो गया है। यह अभियान आगामी 28 फरवरी 2026 तक चलेगा। इस अभियान का लक्ष्य 0-5 वर्ष के बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना और इसके लक्षण, कारण तथा उपचार के उपायों की जानकारी प्रदान करना है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशिक्षण आयोजित किया गया।

यह बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है क्योकि पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु का एक बड़ा कारण निमोनिया है। इस अभियान के तहत न्यूमोकोकल कान्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) के महत्व को समझाया जा रहा है। टीकाकरण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ डी. के. तुर्रे ने सर्दियों के मौसम में विश्व सावधानी रखने की सलाह दी। डाॅ. सलिल मिश्रा ( शिशु रोग विषेषज्ञ ) एवं डाॅ. जूही सोनवानी ( शिशु रोग विषेषज्ञ ), सुश्री आराधना बंजारे (डीपीएचएन) ने प्रशिक्षण में निमोनिया की रोकथाम और उपचार के तरीकों की जानकारी दी।

नियमित टीकाकरण ही कारगर उपाय
विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बताया कि नियमित टीकाकरण से बच्चों में होने वाले निमोनिया को रोका जा सकता है। इसके लिए न्यूमोकोकल कान्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) के डोज लगाए जाते हैं। बच्चों को यह टीका 6 सप्ताह, 14 सप्ताह और 9वें महीने में लगाया जाता है। विभाग की टीम घर-घर जाकर निमोनिया से बचाव के उपाय, टीकाकरण की जानकारी साझा करेगी। प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को आक्सीजन कंसट्रेटर और नेबुलाइजर के उपयोग के साथ पोषण व स्वच्छता के महत्व पर जोर देने कहा गया।

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