ऐतिहासिक आत्मसमर्पण: बस्तर में 208 नक्सलियों ने छोड़ा हथियार, मुख्यधारा से जुड़े – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बोले, “यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का स्वर्णिम दिन”

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान के तहत अब तक का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक माओवादी आत्मसमर्पण हुआ है। शुक्रवार को रिजर्व पुलिस लाइन जगदलपुर में 208 नक्सलियों ने हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष, गृहमंत्री विजय शर्मा की मौजूदगी में इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं।

आत्मसमर्पण के दौरान कुल 153 हथियार अधिकारियों को सौंपे गए, जिनमें 19 एके-47 राइफल, 17 एसएलआर, 23 इंसास राइफल, इंसास एलएमजी, .303 राइफल, 4 कार्बाइन, 11 बीजीएल लॉन्चर, 41 बारह बोर/सिंगल शॉट गन और पिस्तौलें शामिल हैं।

मुख्यमंत्री साय, गृहमंत्री शर्मा, बस्तर आईजी सुंदरराज पी सहित पुलिस और सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का स्वागत और अभिनंदन किया।

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इस बड़े आत्मसमर्पण के बाद उत्तर बस्तर में नक्सल गतिविधियों का लगभग अंत हो गया है। अब अभियान का अगला चरण दक्षिण बस्तर पर केंद्रित होगा, ताकि राज्य को पूरी तरह लाल आतंक से मुक्त कराया जा सके।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “आज का दिन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है। बड़ी संख्या में नक्सली अब संविधान और विकास की धारा पर विश्वास जताते हुए समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। उनका हार्दिक स्वागत है।”

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