प्रयागराज के ‘खुंटी गुरु’ की अनोखी वापसी: तेहरवीं के बाद जिंदा लौटे, मातम में बदल गया जश्न

प्रयागराज । प्रयागराज के ‘खुंटी गुरु’ की वापसी ने सभी को हैरान कर दिया। महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद वह लापता हो गए थे, और उनके परिवार और पड़ोसियों ने उन्हें मृत मानकर उनकी तेहरवीं का आयोजन किया था। लेकिन जैसे ही तेहरवीं की रस्में पूरी हुईं, वह अचानक वहां आ पहुंचे।

मातम का माहौल देखते ही देखते जश्न में बदल गया, और पूरा मोहल्ला उनके जिंदा लौटने की खुशी में झूम उठा। ‘खुंटी गुरु’, जो करीब 60 साल के हैं, प्रयागराज के ज़ीरो रोड इलाके में एक छोटे से 10×12 कमरे में अकेले रहते हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, वह एक मशहूर वकील कन्हैयालाल मिश्रा के बेटे हैं, लेकिन समय के साथ उनका परिवार बिखर गया, और वह अकेले रह गए। मोहल्ले के लोग उन्हें ‘खुंटी गुरु’ के नाम से जानते हैं, जो अपनी अनोखी जीवनशैली और दिलचस्प किस्सों के लिए मशहूर हैं।

महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद ‘खुंटी गुरु’ लापता हो गए थे, और उनके परिवार और पड़ोसियों ने उन्हें मृत मानकर उनकी तेहरवीं का आयोजन किया था। लेकिन जैसे ही तेहरवीं की रस्में पूरी हुईं, वह अचानक वहां आ पहुंचे।

जब खुंटी गुरु से पूछा गया कि इतने दिनों तक वह कहां थे, तो उनका जवाब बेहद मज़ेदार था। उन्होंने कहा, “कुछ साधुओं के साथ chillum पी और फिर नींद आ गई। शायद कई दिनों तक सोया रहा।” बाद में वह नागा साधुओं के शिविर में चले गए, जहां उन्होंने भंडारा क खाना खाया और उनकी सेवा में लगे रहे।

इस अनोखी वापसी के बाद, पूरा मोहल्ला उनके जिंदा लौटने की खुशी में झूम उठा। लोगों ने उनके लिए मिठाइयां और फल लेकर आए, और उनके स्वास्थ्य की जांच की। ‘खुंटी गुरु’ की वापसी ने सभी को हैरान कर दिया, लेकिन उनकी अनोखी जीवनशैली और दिलचस्प किस्सों ने सभी को मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया।

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