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रविकांत मिश्रा
भिलाई: शहर के सबसे विवादित क्लब लिस्टोमेनिया पर कार्रवाई की बात सुनते ही महकमे के लोगों को हिचकियां आने लगती है. जबकि बिगड़ैल संचालक हमेसा किसी ना किसी मामले में सुर्खियां बटोरता रहता है. लेकिन रसूखदार मां की बदौलत बिगड़ेल औलाद का अब तक कोई बाल बाका भी नहीं कर सका है. यही वजह है चाहे वो क्लब में अश्लीलता परोसे या फिर बीच सड़क पर किसी के साथ बेधम मार-पीट कर दे. महकमे के लोगों की झोली में दोनों हाथों से प्रसाद इतना गिर जाता है कि उन्हें इससे आगे कुछ नहीं दिखता..लेकिन छत्तीसगढ़ की संस्कृति और अस्मिता के साथ ये क्लब खिलवाड़ कर रहा है। बता दे की मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर भिलाई के युवाओं को पश्चिम की सभ्यता का रस जोर शोर से पिलाया जा रहा है जो किसी भी तरह से ठीक नहीं है बाहर से यहां पढ़ने आये युवक युवतियाँ देर रात तक इस क्लब में रेव पार्टी की आड़ में नसेड़ीयों के शिकार होते रहे है। इस क्लब में स्पा और बाकि नशे के सौदागर भी शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में सीकरत करते है जहा भिलाई सहित अन्य जिलों के अवैध गतिविधियों में शामिल रंगीन मिजाज शवाब और क़वाब का रस पान करने बड़ी सिद्दत से पहुंचते है। वही इस पुरे मामले पर धर्मरक्षा और संस्कृति बचाने वाले धर्म के ठेकेदार भी अपना मुँह बंद कर कुछ भी बोलने से कतराते है.और बड़ी हैरानी की बात यह है कि धर्मरक्षा के ठेकेदार बनकर शहरभर में धौंस जमाने वाले भी यहां से गुजरते समय नजरें नीचे करके निकल जाते हैं, ताकि कोई पूछ ले तो उनको बोल सकें कि हमने तो कुछ देखा ही नहीं. जबकि रोजनाचा ने अपने शनिवार के अंक में रात दो बजे तक चलने वाले नजारे को दिखाया था. जानकारों की मानें तो यहां युवा पीढ़ी को नशे की गिरफ्त का ऐसा आदतन बनाया जाता है कि उसे इसके अलावा दुनियादारी कुछ दिखाई न दे.खबर लगने के बाद हुआ कुछ यु अगले दिन कुछ बड़े अफसरों के कहने पर अधीनस्थ क्लब तो पहुंचे लेकिन केवल टाइमिंग सुधार की बोलकर अपने जेब गरम करके लौट गए।
