
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने पारदर्शिता लाने और अनुपालन में सुधार के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-पीयर टू पीयर (एनबीएफसी-पी2पी) ऋण मंचों के लिए मानदंड सख्त कर दिए हैं। इससे इन मंचों के जरिये निवेश उत्पाद के रूप में कर्ज को बढ़ावा देने पर रोक लगेगी।
पी2पी ऋण मंच बैंकों या वित्तीय संस्थानों को मध्यस्थ बनाए बिना कर्ज लेने वालों को सीधे कर्जदाताओं से जोड़ते हैं। आरबीआई के शुक्रवार को जारी संशोधित मास्टर निर्देश में कहा गया है कि पी2पी मंचों को निवेश उत्पाद के रूप में कर्ज देने को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। साथ ही, इनमें सुनिश्चित न्यूनतम रिटर्न और नकदी विकल्प जैसी सुविधाएं नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा, आरबीआई ने कहा है कि एनबीएफसी-पी2पी ऋण मंच को किसी ऐसे बीमा उत्पाद की बिक्री के लिए ग्राहकों को लुभाना नहीं चाहिए, जिसमें कर्ज वृद्धि या ऋण गारंटी जैसी विशेषताएं शामिल हैं।
आरबीआई ने संशोधित मास्टर निर्देश में कहा, जब तक ऋण देने वाले और कर्ज लेने वाले का मिलान बोर्ड की ओर से अनुमोदित नीति के अनुसार नहीं हो जाता, तब तक कोई भी लोन जारी नहीं करना चाहिए। इसलिए, कड़े किए गए मानदंड आरबीआई ने 2017 में पी2पी कर्ज के लिए निर्देश जारी किए थे। हालांकि, यह देखा गया है कि इनमें से कुछ मंच कर्ज देने के लिए ऐसी प्रथाओं को अपनाने लगे, जो मास्टर निर्देश-2017 के प्रावधानों का उल्लंघन करती हैं।